Skip

News Portal

  • छोट्टा छोट्टी चिनाजानी “देउडा गित”

    गोविन्द बराल३० मंसिर
    ३२६ पटक
    ३० मंसिर

     

    केटा: रन्नन हड्याकि हड्ई काहाे ताम्बाे घर
    ढुक्निनाैक्या सङगै जाउला क्याकाे मान्नि डर ॥

    केटि; उभाे कहिले हडलाकि उदाे हड्ने पानी
    त्यतिकै क्या बाेल्दा छाैत छैनन चिना जानि ॥

    केटा: छाेटि्ट त गतिउलै रहिन्छ ताेईले कसाे मानि
    बसि जाउत ढुङ्गामनि गराै चिना जानि ॥

    केटि:बसिजाउत एक्कै चाेटि गरिअल्याै कर
    चिनाजानि अराै भन्दा काहाे तम्माे घर ॥

    केटा : आग लागेर कालै भयाे पाेरि पाल्ति बन
    हाम्माे त भन्नाेला पछि पहिला तम्बाे भन ॥

    केटि :दिउसै बेल बुडि जादा गैराे छ त ठाउँ
    झुटाे बाेलि क्या अध्दा त घर पाेल्लाे गाउँ ॥

    केटा: रायाँ रायाँ महिले पनि पाेल्लाे रहिछ गाँउ
    गाउँ मैले राईले ताेम्बाे क्या होला त नाउँ ॥

    प्रतिकृया दिनुहोस्