केटा: रन्नन हड्याकि हड्ई काहाे ताम्बाे घर
ढुक्निनाैक्या सङगै जाउला क्याकाे मान्नि डर ॥
केटि; उभाे कहिले हडलाकि उदाे हड्ने पानी
त्यतिकै क्या बाेल्दा छाैत छैनन चिना जानि ॥
केटा: छाेटि्ट त गतिउलै रहिन्छ ताेईले कसाे मानि
बसि जाउत ढुङ्गामनि गराै चिना जानि ॥
केटि:बसिजाउत एक्कै चाेटि गरिअल्याै कर
चिनाजानि अराै भन्दा काहाे तम्माे घर ॥
केटा : आग लागेर कालै भयाे पाेरि पाल्ति बन
हाम्माे त भन्नाेला पछि पहिला तम्बाे भन ॥
केटि :दिउसै बेल बुडि जादा गैराे छ त ठाउँ
झुटाे बाेलि क्या अध्दा त घर पाेल्लाे गाउँ ॥
केटा: रायाँ रायाँ महिले पनि पाेल्लाे रहिछ गाँउ
गाउँ मैले राईले ताेम्बाे क्या होला त नाउँ ॥
Discussion about this post